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पाठशाला: एक ज्ञान मंदिर

Release Date: 2011

"पाठशाला - एक ज्ञान मंदिर" केवल एक लघु फ़िल्म श्रृंखला नहीं, बल्कि भारत की सनातन शिक्षा परंपरा और नैतिक मूल्यों को पुनर्जीवित करने का एक सांस्कृतिक आंदोलन है। विचार टेलीविज़न के बैनर तले निर्मित इन फ़िल्मों की संकल्पना और निर्माण उमेश भारद्वाज ने किया है, जिन्होंने अपने अनुभव, शोध और संवेदनशील दृष्टि से इसे एक ऐसी उत्कृष्ट कृति में बदल दिया है जो आने वाली पीढ़ियों के जीवन पर अमिट छाप छोड़ने की क्षमता रखती है। इस श्रृंखलाबद्ध टेलीफिल्म परियोजना का मुख्य उद्देश्य है- बाल्यावस्था से ही जीवन में नैतिक मूल्यों का संचार। इसमें प्रस्तुत कहानियाँ बच्चों के रोज़मर्रा के जीवन से जुड़ी हुई हैं और सहज कथानक के माध्यम से सत्य-असत्य, क्रोध-अक्रोध, आहार-विहार, धैर्य, अनुशासन, अस्तेय (चोरी न करना) जैसे मूल्यों को रोचक और प्रभावी तरीके से बच्चों के मन में रोपित करती हैं। श्रृंखला के हर एपिसोड में यह गूढ़ संदेश छिपा है कि महानता बचपन में बोए गए संस्कारों से ही जन्म लेती है। इसीलिए “पाठशाला - एक ज्ञान मंदिर” सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि एक प्रेरक जीवनशाला है - जो बच्चों को न केवल व्यक्तिगत विकास की दिशा देती है, बल्कि उन्हें एक सजग नागरिक और संवेदनशील इंसान बनने की प्रेरणा भी देती है। यह श्रृंखला विचार संस्था और VNF Films की उस व्यापक दृष्टि का जीवंत उदाहरण है, जिसमें सिनेमा को समाज निर्माण, संस्कृति संवर्धन और राष्ट्रीय चरित्र के उत्थान का माध्यम माना गया है। यह केवल कहानियों का संग्रह नहीं, बल्कि एक पीढ़ी के संस्कारों की नींव है, जो भारत के उज्ज्वल भविष्य की रूपरेखा तय करती है।